A Singing Heart
Monday, July 20, 2009
कभी हमने भी माँगी थी, इश्क की मन्नत
सोचा था, हम भी पा लेंगे जन्नत
लेकिन तू तो निकली बेवफ़ा, ऐ मोहब्बत
अब तो तेरी दुआ से भी रुः काँप उठती है।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment